पीक फ्लो टेस्ट : फेफड़ों के मरीजों के लिए जरूरी, दमा के रोगी कर सकते हैं इसका इस्तेमाल
अपडेट किया गया: जन. 15
फेफड़ों का टेस्ट करने के लिए पीक फ्लो टेस्ट का उपयोग किया जाता है। यह टेस्ट काफी आसान होता है और कितनी तेजी से फेफड़ों से हवा बाहर निकाली जा सकती है। इसका पता लगाया जाता है। पीक फ्लो टेस्ट का इस्तेमाल अधिकतर दमा रोग की गंभीरता का पता लगाने के लिए किया जाता है। पीक फ्लो टेस्ट एक छोटे से उपकरण के जरिए किया जाता है, जिसे हाथ में पकड़कर इसमें पूरी जोर से मुंह से हवा फूंकी जाती है। आइए जानते हैं कि पीक फ्लो टेस्ट किस तरह उपयोगी होता है और इसके उपयोग के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए -

पीक फ्लो टेस्ट ऐसे होता है उपयोगी -पीक फ्लो टेस्ट करते समय कितनी तेजी से सांस बाहर निकाल सकते हैं। यह डॉक्टर द्वारा निकालने के लिए कहा जाता है और इसी को पीक फ्लो मीटर से मापा जाता है। यह बताता है कि श्वास मार्ग संकरा तो नहीं हो रहा है। -यदि इस टेस्ट के दौरान दमा होने की आशंका होती है तो इसकी पुख्ता जांच के लिए स्पायरोमेट्री जैसे टेस्ट के लिए भी कहा जा सकता है। -यदि पहले से ही किसी को दमा रोग है तो उसे नियमित पीक फ्लो से जांच करने के लिए कहा जाता है। -इस टेस्ट से यह जांच भी की जा सकती है कि किसे दमा की समस्या है। उसे किस चीज से एलर्जी हो रही है। इस बात का भी पता लगाया जा सकता है। पीक फ्लो टेस्ट मापने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें - पीक फ्लो टेस्ट करते समय जहां भी खड़े या बैठे हो, वहां वैसे ही अवस्था में रहे। - पीक फ्लो का मीटर जीरो पर हो, इस बात का ध्यान रखें। मीटर ऊपर से नीचे की ओर पकड़ा जाना चाहिए। - टेस्ट के दौरान जितनी गहराई से सांस ले सकते हैं, उतनी सांस खींचकर होठों को मीटर के माउथपीस पर दबाकर रखें और फिर सांस तेजी से छोड़ें। - सांस छोड़ने के बाद जो भी रीडिंग मीटर पर आती है, उसे नोट करें। -इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार दोहराएं और तीनों ही बार में जो सबसे अधिक माप हो, उसे डायरी में नोट करें। -यदि घर पर पिक फ्लोर टेस्ट कर रहे हैं तो अपने साथ आंकड़े नोट करने के लिए डायरी जरूर रखनी चाहिए। रीडिंग का अर्थ इस प्रकार समझे - यदि पीक फ्लो पर हरा क्षेत्र फेफड़ों के अच्छी तरह कार्य करने को दर्शा रहा है इसका अर्थ है कि जिस दवाई का उपयोग कर रहे हैं वह कार्य कर रही है। - पीक फ्लो पर पीले क्षेत्र का अर्थ है कि फेफड़े ज्यादा काम कर रहे हैं इसलिए दवाई बदलने की आवश्यकता है। अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार कार्य करना चाहिए। अपने दैनिक कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए। - पीक फ्लो पर लाल क्षेत्र सांस लेने में अधिक तकलीफ को दर्शाता है और साथ ही यह भी बताता है कि दमा नियंत्रण में नहीं है। यदि पीक फ्लो पर टेस्ट करने पर मीटर लाल क्षेत्र को दर्शा रहा है तो डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
टैग: